बहारों की दुश्मन होती फ़िज़ा | सैड शायरी
बहारों की दुश्मन होती फ़िज़ा.. वो हसरत दबा के जाती है कुछ पतंग हवा में उड़ती नहीं.. कुछ को हवा ले जाती है Bahaaron Ki… Read More »बहारों की दुश्मन होती फ़िज़ा | सैड शायरी
बहारों की दुश्मन होती फ़िज़ा.. वो हसरत दबा के जाती है कुछ पतंग हवा में उड़ती नहीं.. कुछ को हवा ले जाती है Bahaaron Ki… Read More »बहारों की दुश्मन होती फ़िज़ा | सैड शायरी